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किचन के बर्तन से सुधारे राहु (Rahu), जानें कौन से हैं वे बतर्न और उपाय (remedy)



राहु (rahu) एक ऐसा ग्रह है जिसका नाम सुनते ही हर किसी के मन में डर का भाव उत्पन्न होता है, लेकिन क्या आप जानते है कि किचन के बर्तनों से भी आप राहु की स्थिति ठीक कर सकते हैं। ऐसे कौन से बर्तन है जो राहु (rahu) का प्रतीक माने गए है, इन बर्तनों के साथ आपको क्या सावधानियां रखनी चाहिए आईए जानें...


तवा और कढ़ाही हैं राहु (rahu) के प्रतीक

रसोई घर में इस्तेमाल होने वाला तवा और कढ़ाही को राहु का प्रतीक माना गया है। इसलिए इनके प्रयोग में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इनके इस्तेमाल और इस्तेमाल के बाद रखने के कुछ नियम है जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन से कई सारी चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।


भूलकर भी न करें ये गलतियां

तवा और कढ़ाही दैनिक जीवन में हर घर में इस्तेमाल होने वाले बर्तन हैं, वास्तुशास्त्र (vastu shastra) में इन बर्तनों के प्रयोग के कुछ नियम भी बनाए गए हैं, जब भी घर में रोटी बनाई जाए तो रोटी बनाने के बाद तवा और सब्जी बनाने के बाद कढ़ाही ऐसे ही न छोड़ें, उन्हें धोकर और सुखाकर ही रखा जाए। अन्यथा इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं। इसके चलते घर के मुखिया या पति की सेहत खराब हो सकती है।


नहीं तो बच्चों को पड़ सकती है नशे की लत

वास्तुशास्त्र (vastu shastra) के अनुसार भूलकर भी किचन में रात के समय सिंक में तवा और कढ़ाही नहीं रखना चाहिए। अन्यथा राहु ग्रह का प्रकोप झेलना पड़ता है। इसके चलते घर के मुखिया या फिर बच्चों को नशे की लत पड़ सकती है। या फिर वह किसी भी गलत आदत का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप रात में कभी भी तवा और कढ़ार्ही बेसिन में न रखें। बल्कि उसे धुलकर या सुखाकर ही रखें।


तवे और नमक का प्रयोग लाएगा शांति

दिन में जब भी आप पहली बार तवे का इस्तेमाल करें मतलब आप रोटी बनाने के लिए तवा गैस पर रखें उस पर नमक डाल दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर का वास्तु दोष (vastu dosh) दूर हो जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि नमक सादा होना चाहिए। उसमें मिर्च या हल्दी नहीं मिली होनी चाहिए।


ऐसा तो भूलकर भी न करें, बढ़ती है नेगेटिविटी

वास्तुशास्त्र (vastu shastra) के अनुसार तवे पर सबसे पहले जो भी रोटी बनाएं उसे गाय या कुत्ते को दें। इसे नियमपूर्वक करें। ध्यान रखें कि पहली रोटी गाय या फिर कुत्ते के लिए ही होनी चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि गाय सभी वास्तुदोष (vastu dosh) दूर करती है, वहीं कुत्ते को भी राहु (rahu) का प्रतीक माना गया है, और जब आप उसकी सेवा करते है तो राहु प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर-परविार के सदस्यों के जीवन में विपदा नहीं आती। साथ ही घर की नेगेटिविटी भी दूर हो जाती है।


इन बर्तनों पर न पड़े किसी की नजर

घर में सुख-समृद्धि की चाह हर कोई रखता है लेकिन छोटी-छोटी गलतियों से आपकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है, इसलिए बर्तन रखते समय हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि तवे और कढ़ाही को ऐसी जगह रखें जहां उसपर किसी बाहरी व्यक्ति की नजर न पड़े।


तवा और कढ़ाही ऐसे तो न ही रखें कभी भी

वास्तुशास्त्र (vastu shastra) के अनुसार तवे या कढ़ाही को कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए और ना ही तवे या कढ़ाही को कभी भी तीखी या नुकीली चीजों से ना खुरचें।। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही धन संबंधी दिक्कतें भी बढ़ती हैं। इसके अलावा ध्यान रखें कि तवा और कढ़ाही जहां खाना बनता है, उसके दाएं तरफ ही रखें। तवे-कढ़ाही का गैस के ऊपर रखकर नहीं छोड़ना चाहिए। जब भी इनका काम खत्म हो जाए इन्हें उतारकर रख दें।



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