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Rakshabandhan 2021 : देवताओं को बनाएं भाई, जरूर बांधे रक्षासूत्र मिलेगा, अभय का वरदान



भाई-बहन के बीच प्रेम का पर्व रक्षाबंधन (Rakshabandhan)... इस पावन दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर प्रेम का रेश्मी धागा बांध भाई से आजीवन रक्षा प्रेम और स्नेह का वचन मांगती है वहीं भाई भी बहन के खुशी के लिए सभी ईश्वर से कामना करता है। भाई बहन के बीच इस अटूट प्रेम विश्वास और समर्पण का पर्व रक्षा बंधन के विशेष मौके पर एस्ट्रोभूमि (astrobhoomi) प्लेटफार्म की फाउंडर, एस्ट्रोलॉजर (astrologer) और मोटिवेशनल स्पीकर भूमिका कलम का कहना है कि जिस प्रकार हम अपने भाइयों को रक्षासूत्र बांधते हैं उसी प्रकार देवताओं को भी भाई मानकर उन्हें रक्षासूत्र बांधना चाहिए। उनका कहना है कि देवताओं को राखी बांधने की पुरानी परंपरा है। सनतान धर्म के अनुसार यदि भगवान को राखी बांधी जाए तो जीवनभर वह आपके मान-सम्मान, आनंद और खुशियों की रक्षा करते है साथ ही साथ उसमें बढ़ोतरी भी करते हैं। क्योंकि यदि आप उन्हें राखी (rakhi) बांधती हैं तो वह आपके भाई हुए और कोई भी भाई अपनी बहन को जीवन में किसी भी परेशानी में देखना पसंद नहीं करता। इसलिए इस राखी आप भी अपने ईष्ट देवता को या इन देवातओं को राखी बांधकर पाएं अखंड वैभव, खुशियां और अभयता का वरदारन... आईए जानते है किन देवताओं को राखी (rakhi) बांधनी चाहिए और कौन सी राखी बांधनी चाहिए...


गणपति को ऐसे बांधें राखी (rakhi)

सनातन धर्म में गणपति बप्पा को प्रथम पूज्य माना गया है इसलिए राखी के दिन सर्वप्रथम गणेशजी को राखी बांधनी चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि गणपति को लाल रंग की ही राखी बांधें। मान्यता है कि ऐसा करने से लाइफ की सारी टेंशन और प्रॉब्लम्स खत्म हो जाती हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।ॅ


भगवान श्री कृष्ण और राखी का संबंध

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राखी बांधने की परंपरा द्रौपदी के कन्हैया को रक्षासूत्र बांधने से ही हुई थी। कन्हैयाजी द्रौपदी को अपनी बहन मानते थे और उनकी रक्षा का वचन भी दिया था। कथा के अनुसार चीरहरण के समय भगवान कृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रौपदी के मान-सम्मान की रक्षा की थी। मान्यता है कि श्रीकृष्ण को हरे रंग की राखी बांधने से वह जीवन की सारे दु:ख दूर कर देते हैं।


बाल ब्रह्मचारी के बनाएं अपना भाई

वैसे तो सभी जानते है कि श्री हनुमानजी बचपन से ही बाल ब्रह्मचारी है और भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन रहते हैं, लेकिन अपनी माता और बहन से सभी को विशेष स्नेह रहता है, इसलिए सभी माताओं और बहनों को पवनसुत संकटमोचक हनुमानजी को राखी जरूरी बांधनी चाहिए। मान्यता है कि पवनपुत्र को राखी बांधने से मंगल दोष दूर होते हैं और बल-बुद्धि की प्राप्ति होती है। लेकिन ध्यान रखें कि हनुमानजी को लाल रंग अत्यंत प्रिय है इसलिए उन्हें लाल रंग या फिर सिंदूरी रंग का रक्षासूत्र बांधना चाहिए। इससे संकटमोचक अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं।


भोलेनाथ को राखी बांधना बिल्कुल न भूलें

राखी का पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और यह सावन का अंतिम दिन होता है। इसलिए इस दिन भोलेनाथ को राखी जरूर बांधनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन शिवजी को नीले रंग का रक्षासूत्र बांधने से जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख-संपन्नता का वास होता है।

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