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Vaastu shastra : के अनुसार कौन कौन सी वस्तुएं है जो घर में रखने से बर्बादी का कारण बन सकती है।



कई बार बहुत अधिक मेहनत के बाद भी घर में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है कहा जाता है की इसके पीछे कई बार वास्तु दोष (vaastu dosh) भी हो सकता है. वास्तु दोष (vaastu dosh) होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है घर में वास्तु दोष (vaastu dosh) होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं बहुत सी चीजे ऐसी होती है जिन्हें घर में रखने से भी घर में वास्तुदोष (vaastu dosh) उत्पन्न होता है.


युद्ध और लड़ाई वाली सीनरी

अपने घर की दीवार में बहुत से लोग लड़ाई या फिर किसी भी युद्ध जैसे महाभारत से सम्बंधित सीनरी लगाना बहुत पसंद करते है वास्तु (vaastu) अनुसार कहा जाता है की इस तरह की कोई भी तस्वीर घर में नहीं लगानी चाहिए. इस तरह की फोटो लगाना बहुत ही अशुभ माना गया है.


कैक्टस और अन्य कांटेदार पौधे

घर में पेड़ पौधे लगाने का शौक तो बहुत से लोगो को होता है कहा जाता है की घर में कैक्टस या कोई भी कांटेदार पौधे लगाने स बचना चाहिए. इस तरह के पौधे घर में नेगटिव ऊर्जा विकसित करते है जो घर और घर के सदस्यो के लिए अच्छे नहीं होते है.


घर में नटराज की स्टेच्यू या मूर्ति

नटराज की मूर्ति तांडव डांस फॉर्म को दर्शाती है कहा जाता है कि घर में नटराज की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए इससे घर के सदस्यों में मन मुटाव होने की स्थिति पैदा हो सकती है. इसे घर में रखना अशुभ माना गया है.


डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर

वास्तु शास्त्र (vaastu shastra) में कहा गया है कि घर में डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर कभी नहीं लगानी चाहिए. डूबती हुई नाव बर्बादी और नुकसान की ओर इशारा करती है ऐसी तस्वीर या मूर्ति घर में लगाने से घर के सदस्यो के सम्बन्ध खराब होने की संभावना रहती है.


कबाड़ कर देता है जीवन का कबाड़ा

अक्सर देखा गया है कि लोग घर में अटाला या कबाड़ जमा कर रखते हैं। इसके लिए एक कबाड़खाना अलग से होना चाहिए। पुराने या टूटे हुए जूते-चप्पल आपको आगे बढऩे से रोक देते हैं। इन्हें भी घर से निकाल दें।


पानी का झरना या झरने की तस्वीर

बहुत से लोग अपने घरों में वाटर फाउंटेन लगाना बहुत पसंद करते है और इसे अच्छा भी मानते है लेकिन वास्तुशास्त्र (vaastu shastra) में घर में पानी के झरने की तस्वीर या झरना लगाना शुभ नहीं मना गया है. कहा जाता है की इससे घर में अस्थिरता आती है और घर के सदस्यो का स्वास्थ्य और पैसा पानी की तरह ही बह जाता है.


फटे पुराने वस्त्र

फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से भी घर में नकारात्मक मानसिकता और ऊर्जा (negative energy) का निर्माण होता है। इस तरह के वस्त्रों को किसी को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए।


खुली अलमारी

किताबें रखने या कुछ छोटा-मोटा सामान रखने वाली अलमारियों को बंद करने का दरवाजा नहीं है या उनमें कांच नहीं लगा है तो वह खुली मानी जाएगी। माना जाता है कि ऐसी अलमारी के होने से हर तरह के कार्यों में रुकावट आती है और धन भी पानी की तरह बह जाता है।


देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र

देवी-देवताओं की फटी हुईं और पुरानी तस्वीरें अथवा खंडित हुईं मूर्तियों से भी आर्थिक हानि होती है अत: उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।

  • इसके अलावा देवी-देवताओं के चित्रों से घर को नहीं सजाना चाहिए। उनके चित्र या मूर्ति की संख्या और स्थान निश्चित होते हैं। कुछ लोग ढेर सारी मूर्तियां इकट्ठी कर ले‍ते हैं। एक ही देवी या देवता की 3-3 मूर्तियां और चित्र होते हैं, जो कि वास्तुदोष (vaastu dosh) निर्मित करते हैं।

  • इसके अलावा पूजा में चढ़े हुए और मुरझाए हुए फूल घर में नहीं रखें इनसे अशुभ फल मिलता है। अगर बुरी नजर या ताकत से बचने के लिए नींबू-मिर्च लग रखें है तो हर रविवार को उन्हें हटा दें और नए लगा दें।

टूटी फूटी कुर्सी और टेबल

आपके घर में टूटी हुई चेयर या टेबल पड़ी है तो उसे तुरंत घर से हटा दें। ये आपके पैसों और तरक्की को रोक देती है। बैठक रूप का सोफा भी फटा या टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। उस पर बिछाई गई चादर भी गंदी या फटी नहीं होना चाहिए।


टूटी-फूटी वस्तुएं

टूटे-फूटे बर्तन, दर्पण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तस्वीर, फर्नीचर, पलंग, घड़ी, दीपक, झाड़ू, मग, कप आदि कोई सा भी सामान घर में नहीं रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) का निर्माण होता है और व्यक्ति मानसिक परेशानियां झेलता है। यह भी माना जाता है कि इससे वास्तु दोष (vaastu dosh) तो उत्पन्न होता ही है, लक्ष्मी का आगमन भी रुक जाता है।


मकड़ी का जाला : घर में बनने वाले मकड़ी के जाले तुरंत हटा दें इनसे आपके अच्छे दिन बुरे दिनों में बदल सकते हैं। अक्सर लोगों के घर के किसी कोने के उपरी हिस्से में जाले लग जाते हैं।

  • कुछ लोग उनको हटाने से डरते हैं क्योंकि इससे किसी के घर को तोड़ने का आभास होता है लेकिन मकड़ी जाला रहने के लिए नहीं शिकारी को फंसाने के लिए बनाती है। अत: माना जाता है कि यह जाला होना तो अनुचित ही है।

घर की छत : वास्तु (vaastu) के अनुसार घर की छत पर पड़ी गंदगी का भी पैसों की तंगी को बढ़ा सकती है। परिवार की बरकत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ध्यान रखें कि घर की छत पर कबाड़ा अथवा फालतू सामान हरगिज न रखें। कबाड़ा व फालतू सामान रखने से परिवार के सदस्यों के मन-मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है। माना जाता है कि इससे पितृ दोष भी उत्पन्न हो जाता है।


पर्स या तिजोरी : पर्स फटा न हो और तिजोरी टूटी हुई न हो। पर्स या तिजोरी में धार्मिक और पवित्र वस्तुएं रखें जिनसे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जिन्हें देखकर मन प्रसन्न होता है।

  • पर्स में चाबियां या किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तुएं न रखें। पर्स में भगवान के चित्र रख सकते हैं। इसी तरह तिजोरी में रुपयों के अलावा आप सोना, चांदी या जेवरात ही रख सकते हैं। चैक बुक, पास बुक, पैसे के लेन-देन संबंधी कागजात, पूंजी निवेश संबंधी कागजात भी रख सकते हैं। पूजा की सुपारी, श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र आदि भी रख सकते हैं।

प्लास्टिक का सामान : आजकल प्लास्टिक का प्रचलन बढ़ गया है। आटे का डब्बा, रोटी का डब्बा, चम्मच, चाय का डब्बा, पानी की बोतल, मसाले आदि के छोटे-छोटे डब्बे आदि कई सामान प्लास्टिक के आने लगे हैं। प्लास्टिक की थेलियां भी बहुत से घरों में इकट्ठी करके रखी जाती है।

  • प्लास्टिक की अधिकता से घर में नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) का निर्माण तो होता ही है यह स्वास्थ के लिए भी हानिकारक है। लगातार प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना या प्लास्टिक की प्लेट में भोजन करने से हमारे स्वास्थ्‍य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जिस तरह पितल या तांबे के ग्लास से पानी पीने से उसके तत्व हमारे शरीर में जाते हैं उसी तरह प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से उसमें मौजूद विशाक्त तत्व हमारे शरीर में पहुंचते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि प्लास्टिक कैंसर का भी कारण बन सकता है।

  • प्लास्टिक मूल रूप से विषैला या हानिप्रद नहीं होता। परन्तु प्लास्टिक के थैले या अन्य वस्तुओं को रंग और रंजक, धातुओं और अन्य तमाम प्रकार के अकार्बनिक रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है।

हानिकारक वस्तुएं : इसके अलावा घर में ऐसी कई हानिकारक वस्तुएं होती है जिसके घर में रखें होने से घर का वातावरण ‍विशैला बन जाता है। यह स्थूल रूप से दिखाई नहीं देता लेकिन हवा का गुण धर्म इससे बदल जाता है।

  • ऐसे कई वस्तुएं हैं जो हमारे आसपास रहती है जैसे यहां वहां ‍घर में बिखरी ढेर सारी दवाइयां, एसिड की बोतल, टाइलेट क्लिनर शोप, फिनॉयल, जहरीले रसायन, कीटनाशक, मच्छर मारने की दवा, एंटीबॉयोटिक दवा, अधिक बल्ब, एयर फ्रेशनर, अग्निशामक, नॉन स्टिक पॉट आदि।

  • सभी तरह की हानिकारक वस्तुओं के लिए एक स्थान नियुक्त होना चाहिए और वह भी ऐसा जहां वे सुरक्षित रखी हों। ऐसी वस्तुओं के लिए अलग से लकड़ी या लोहे का एक बॉक्स बनवाएं और उसमें रखें जो किचन और बेडरूम से दूर हो।

पत्थर, नग या नगिना : कई लोग अपने घर में अनावश्यक पत्थर, नग, अंगुठी, ताबिज या अन्य इसी तरह के सामान घर में कहीं रख छोड़ते हैं। यह मालूम नहीं रहता है कि कौन-सा नग फायदा पहुंचा रहा है और कौन-सा नग नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए इस तरह के सामान को घर से बाहर निकाल दें।


बहुत बड़ी और भयानक मुर्तिया

घर में कभी भी बहुत अधिक बड़ी और डरावनी मुर्तिया नहीं रखनी चाहिए इस तरह की मूर्तियों से घर में नेगेटिविटी आती है और घर के वातावरण में बुरी शक्तियों की वाइब्रेशन महसूस होने लगती है.


चील, कौए, उल्लू, शेर – चीता और गिद्ध की तस्वीर

वास्तुशास्त्र (vaastu shastra) के अनुसार घर में चील ,कोवे, उल्लू, शेर – चीता और गिद्ध जैसे पक्षियों और जानवरों की तस्वीर घर में भूलकर भी नहीं लगानी चाहिए. ऐसी तस्वीर घर में लगे से घर से सदस्यो का व्यवहार भी इन्ही की तरह ही वॉयलेंट अर्थात गुस्से वाला हो जाता है।


अंत में कुछ खास वास्तु टिप्स (remedy)....

  • घर की खिड़की या दरवाजे से नकारात्मक वस्तुएं दिखाई देती हैं, जैसे सूखा पेड़, फैक्टरी की चिमनी से निकलता हुआ धुआं आदि। ऐसे दृश्यों से बचने के लिए खिड़कियों पर पर्दा डाल दें।

  • घर के मुख्य द्वार के सामने या पास में बिजली का खंभा या ट्रांसफॉर्मर लगा है तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होगा। इससे घर के सदस्यों को अपने कार्यों में हर जगह रुकावट और असफलता का सामना करना पड़ेगा। घर के आसपास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। घर के आस-पास कोई गंदा नाला, गंदा तालाब, श्मशान घाट या कब्रिस्तान नहीं होना चाहिए। इससे भी वातावरण में बहुत अधिक फर्क पड़ता है।

  • घर के प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए और प्रवेश द्वार सदैव साफ रखना चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती है। यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं जिससे कि बाहर का कचरा अंदर न आ सके। कचरा भी वास्तु दोष (vaastu dosh) बढ़ाता है।

  • पुराने भवन के भीतर कमरों की दीवारों पर सीलन पैदा होने से बनी भद्दी आकृतियां भी नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं। घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ न हो। यदि कहीं से थोड़ा-सा भी प्लास्टर उखड़ जाए, तो तुरंत उसे दुरुस्त करवाएं। घर को कलर करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेंट एक-सा हो। शेड एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन शेड्स का तालमेल ठीक होना चाहिए।

  • घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में अंधेरा न रखें तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्ब न लगाएं। घर में तुलसी का पौधा रहता है, तो कई प्रकार के वास्तु दोष (vaastu dosh) दूर रहते हैं। तुलसी के पौधे के पास रोज शाम को दीपक भी लगाना चाहिए।

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